कुछ प्रिय पाठकों, हमें उम्मीद है कि आपको हमारी यह कहानी (नेपाली चौकीदार या प्रेत सरकार ।
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बहुत पसंद आएगी। ऐसी ही और भी कहानियां पढ़ने के लिए हमारे साथ Dantakatha.com पर बने रहे। धन्यवाद
लालाजी मैंने बम बहादुर से बात की है और उसने मुझे बताया वो उस रात जब शराब पीकर पास के गाँव से लौट रहा था तब उसको रास्ते में पेशाब लगा तो उसने कच्चे रास्ते पर झाड़ियों में जाकर पेशाब कर दिया अंधेरा काफी था तो उसको वहाँ एक “पीर का थान” नहीं दिखा और बम बहादुर ने “पीर के थान” की तरफ मुँह करके पेशाब कर दिया और वो पीर की शक्ति वहाँ से उसके पीछे लग गई और जैसे ही वो सोने के लिए अपने कमरे में आकर लेटा तब उस शक्ति ने उसपर हमला कर दिया, कोई इलाज उसके काम नहीं आ सका और वो शक्ति उसको 48 घंटे में अपने साथ ले गई!
फिर क्या हुआ? “नेपाली चौकीदार या प्रेत सरकार” पूरी कहानी पढ़कर जाने…
नेपाली चौकीदार या प्रेत सरकार का परिचय Bhoot Pret ki Kahaniya
ऐसा कहा जाता है कि “मारने वाले से बड़ा बचाने वाला होता है” हम हमेशा ऐसा मानते आये हैं कि भूत, प्रेत लोगों को सताते व मार देते हैं! क्या हम कल्पना कर सकते हैं एक ऐसे प्रेत की, जो रक्षक हो, एक ऐसा सुरक्षा करने वाला नेपाली प्रेत जिसके पास “पारलौकिए” शक्तियां भी हों, वह रखवाला क्या-क्या कर सकता है, हम यह इस सच्ची घटना से जानने की कोशिश करेंगे! जिस परिवार का ये किस्सा है उसी परिवार के एक करीबी रिश्तेदार ने हमसे अपना ये अनुभव साझा किया है!
प्रेत चाहे ट्रक चलाना Horror Story
हरियाणा का एक जिला ‘करनाल’ है और उसी करनाल के एक गाँव की ये सच्ची घटना है, 1980 के दशक की इस घटना को आज 40 वर्ष से ज्यादा बीत चुके हैं!
करनाल के इस गाँव में एक ट्रांसपोर्टर हुआ करता था, उसके पास 12 अपने बड़े ट्रक थे जिसपर 12 ही ड्राइवर थे, एक बड़े मैदान की चार दीवारी करके वहाँ उसने उन ट्रकों के खड़े होने की व्यवस्था की हुई थी, उसी मैदान में उसने अपना एक छोटा सा दफ़्तर और चौकीदार का एक कमरा भी बनाया हुआ था!
Horror Stories in Hindi for Reading
ट्रांसपोर्टर का काम हमेशा ही बहुत अच्छा चलता था और अब भी उसके पास काम की कोई कमी नहीं थी मगर इन दिनों ट्रांसपोर्टर एक अजीब सी दिक्कत से जूझ रहा था 12 में से 4 ड्राइवर काम छोड़ कर जा चुके थे और बाकि के 8 ड्राइवर भी बहुत परेशानी में थे और वहाँ से जाने की बात आये दिन करते रहते थे और एक परेशानी यह भी थी की कोई चौकीदार भी उस जगह टिकने को तैयार नहीं था, दो दिनों से ज्यादा कोई वहाँ नहीं रुकता था, कुछ चौकीदार तो बिना सामान, बिना बताये और बिना पैसे लिए ही वहाँ से चले गए थे!
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ट्रांसपोर्टर सभी ड्राइवरों से रोज किसी भगत या ओझा को लाने के लिए कहता जो इसका स्थाई इलाज कर सकें!
नेपाली प्रेत ने मचाया हड़कंप Real Horror Stories
एक दिन एक ड्राइवर अपने गाँव के पास से एक ‘भगत’ को लेकर ट्रांसपोर्टर के दफ़्तर में आ जाता है और ट्रांसपोर्टर को भगत से मिलवा देता है! भगत अपना नाम “सतपाल” बताता है और ट्रांसपोर्टर से कहता है कि “लालाजी आप मुझे सारी बातें शुरू से बताइये, तभी मैं कुछ कर पाउँगा”
ट्रांसपोर्टर कहता है” 20 दिनों से मेरे ड्राइवरों और चौकीदार को काफी परेशानी हो रही है, एक आत्मा, भूत या प्रेत कुछ भी कह लो, कुछ ऐसा जरुर है जो मेरे ड्राइवरों और चौकीदार को रोज तंग करता है, इसी वजह से मेरे 4 ड्राइवर काम छोड़ कर जा चुके हैं, रात को ड्राइवर जहाँ गाड़ी लगाते हैं वहाँ सुबह वो गाड़ी नहीं मिलती, वही गाड़ी मैदान के दूसरे कोने में खड़ी मिलती है,
सभी ड्राइवरों को गाड़ी में रात को चाबी छोड़ने के लिए उस आत्मा ने मजबूर किया हुआ है क्यूंकि जो ड्राइवर गाड़ी से चाबी निकाल कर अपने साथ ले जाता है, वो आत्मा उसकी गाड़ी में तोड़-फोड़ कर देती है जैसे सीट फाड़ देना, शीशा फोड़ देना या कुछ भी गड़बड़ कर देना इसलिए सभी ड्राइवर डरने लगे हैं और अब सभी अपनी गाड़ी की चाबी गाड़ी में ही लगी छोड़ जाते हैं ताकि गाड़ी को कोई नुकसान ना हो,
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आगे चौकीदार की बात सुनो, 20 दिनों से यहाँ एक चौकीदार भी नहीं टिका, सब 2 दिनों में ही भाग जाते हैं क्यूंकि चौकीदार रात में जब पहरा देता है तो जैसे ही उसको नींद की झपकी आती है तो वो आत्मा आकर उसको ‘झापड़’ मार देती है, वो पहरा देकर जब सुबह अपने बंद कमरे में जाता है तो उसको उसका राशन बिखरा मिलता है, सारे कपडे ज़मीन पर पड़े मिलते हैं
जबकि ऐसा होने की कोई सम्भावना नहीं हैं क्यूंकि मैदान की चरदिवारी काफी ऊँची है साथ ही एक बड़ा मजबूत लोहे का गेट है जो रात को हमेशा बंद ही रहता है!” ‘भगत सतपाल’ ने ज़मीन पर बैठकर कुछ देर ध्यान लगाया और फिर ट्रांसपोर्टर से कहा कि “मुझे तो एक जवान “नेपाली” लड़का चौकीदार की वर्दी में, सर के ऊपर नेपाली टोपी लगाए और अपनी बेल्ट में कुकरी (नेपाली चाकू) लगाए दिख रहा है, लालाजी आपने अभी भी मुझे पूरी बात नहीं बताई”
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यह सुनकर वो ट्रांसपोर्टर हैरान था कि मेरे बिना बताये इतनी जल्दी इतनी बड़ी बात इस भगत को कैसे पता चल गई? मगर मजबूरी थी कुछ भी वो ट्रांसपोर्टर छुपा नहीं सकता था तो उसने बताना शुरू किया ” भगतजी मुझे नेपाल से आया एक 15-16 साल का लड़का 2 साल पहले किसी ने मेरे ट्रकों की रखवाली के लिए लाकर दिया था उसका नाम “बम बहादुर” था तभी से वो मेरे इस मैदान में ट्रकों की रखवाली करने लगा, बम बहादुर तो ट्रक चलाना भी सीखना चाहता था लेकिन मैंने ही सबसे कह कर उसको ट्रक ड्राइविंग सिखाने को मना किया हुआ था तो कोई उसको ट्रक के पास भी फटकने नहीं देता था,
पास के गाँव में कच्ची शराब मिलती है तो वो उसको पीने कभी-कभार चला जाता था, कुछ दिनों पहले भी उसने ऐसा ही किया, रात में पास के गाँव से वो शराब पीकर आया और आते ही उसकी ताबियात बहुत खराब हो गई जब सुबह मैं और सारे ड्राइवर आये तब उसकी इतनी हिम्मत भी नहीं बची की वो खुद उठ कर दरवाजा खोल दे, हमने ही कोशिश करके अंदर घुसे और तब उसकी हालत का पता चला,
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उसको जल्दी से डॉक्टर के पास ले गए, डॉक्टर ने दवाई दी मगर उससे कोई भी फर्क नहीं पड़ा अगले दिन तो उसका बोल तक रुक गया तो मैने उसको करनाल में बड़े अस्पताल में दाखिल करा दिया और उसी रात को ही उसकी मौत की खबर मुझे मिली, उसके परिवार को मैंने उसका शरीर सौंप दिया साथ ही उसका सारे बकाया के साथ कुछ पैसे अपने पास से भी दे दिये, तबसे ही यहां अशांति फैली है ना कोई चौकीदार रुकता है, 4 ड्राइवर भी जा चुके हैं और बाकि ड्राइवर भी जाने की धमकी देते रहते हैं, भगतजी मैंने ये पूरी बात आपको बता दी है अब आगे आप ही कुछ कीजिये!”
सतपाल भगत ने ये सब सुना और कुछ देर आँखें बंद करके बड़बड़ाने के अंदाज़ में कुछ बोलने लगे, फिर अपना थोड़ा सा सर हाँ में हिलाया और आगे कहा “लालाजी मैंने बम बहादुर से बात की है और उसने मुझे बताया वो उस रात जब शराब पीकर पास के गाँव से लौट रहा था तब उसको रास्ते में पेशाब लगा तो उसने कच्चे रास्ते पर झाड़ियों में जाकर पेशाब कर दिया अंधेरा काफी था तो उसको वहाँ एक “पीर का थान” नहीं दिखा और बम बहादुर ने “पीर के थान” की तरफ मुँह करके पेशाब कर दिया और वो पीर की शक्ति वहाँ से उसके पीछे लग गई
Real Horror Story in Hindi
और जैसे ही वो सोने के लिए अपने कमरे में आकर लेटा तो उस शक्ति ने उसपर हमला कर दिया, कोई इलाज उसके काम नहीं आ सका और उसको 48 घंटे में अपने साथ ले गई, बम बहादुर को ट्रक चलाना सीखना था और आपके कहने पर उसको जीते जी किसी ने ट्रक के पास फटकने भी नहीं दिया इसलिए अब वो मरने के बाद अपनी इच्छा पूरी करना चाहता है, यही कारण है कि आपके ट्रक जहाँ खड़े होते हैं वहाँ नहीं मिलते वो पूरी रात उनको घूमता रहता है, बम बहादुर अब भी खुद को इस जगह का रखवाला समझता है इसलिए हर चौकीदार को परेशान करता है यहाँ टिकने नहीं देता”
ट्रांसपोर्टर भगत की यह सारी बातें बहुत ध्यान से सुने जा रहा था जैसे ही भगत ने अपनी बात ख़त्म की वैसे ही ट्रांसपोर्टर बोल पड़ा “भगतजी मुझे आपकी बातों पर पूरा भरोसा है ऐसा ही हुआ होगा, अब आपको मेरी मदद करनी है, इस “जी के जंजाल” से मुझे और मेरे ड्राइवरों को बचाना है वरना जल्द ही वो दिन आएगा जब किसी और की जान भी चली जाएगी”
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सतपाल भगत ने कहा की “लालाजी ये इतना आसान नहीं है, बम बहादुर अगर कोई साधारण भूत या आत्मा होती तो अभी मैं इसको लेकर “जमना जी” में सेहला देता मगर जिस “पीर की शक्ति” ने इसको मारा है वो शक्ति अब इसके साथ है जिसकी वजह से इसकी ताकत 10 गुना बढ़ गई है
अब यह भूत या आत्मा नहीं एक “प्रेत” बन चूका है जो ना तो इतनी आसानी से यहाँ से जायेगा और किसी ने यहाँ से इसको ले जाकर ठीक से नहीं संभाला या इसको “जमना जी” में नहीं सेहलाया तो ये उस व्यक्ति को भी मार देगा, काम बहुत कठिन है लालाजी, मैं आपको कुछ सामान लिख कर दे रहा हूँ आप इसका इंतज़ाम कर लीजिये हम कल रात इस सामग्री का इस्तेमाल करके एक बड़ी पूजा करेंगे और फिर मैं इसको यहाँ से ले जाऊँगा और आपको इस आफत से मुक्ति मिल जाएगी”
ट्रांसपोर्टर हाथ जोड़ कर हाँ कर देता है और सतपाल भगत अपने घर लौट आता है!
भगत मन भाया नेपाली प्रेत Horror Story in Hindi
अलगी रात भगत ट्रांसपोर्टर के साथ पूजा करके फिर उतारा करता है और वहाँ से बम बहादुर के प्रेत को उठाकर ले चलता है! जमना जी की तरफ जाते हुए रास्ते में सतपाल भगत सोचता है कि ये जो प्रेत मैं ले आया हूँ ये है तो खतरनाक मगर मेरे बहुत काम भी आ सकता है क्यों ना मैं इससे कुछ काम ले लूँ?
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मैंने पहले भी कई बार कई शक्तियों से काम लिए है, यह सब भगत के मन में चल ही रहा होता है कि वो जमना जी के किनारे आ जाता है, अब उसको फैसला लेना ही है, तो सतपाल यह सोचकर कि इतनी शक्तिशाली चीज को मैं नष्ट कर दूँगा जबकि यह चीज मेरे काफी काम आ सकती है, इसको नष्ट करना ठीक नहीं रहेगा, इसको साथ ले चलता हूँ इससे कुछ काम ले लूँगा और इसने परेशान किया या कोई शैतानी की तो इसको इसी जमना जी में सहला दूँगा, ऐसा सोचकर भगत सतपाल बम बहादुर से वचन लेता है और अपने साथ “प्रेत बम बहादुर”को लेकर चल देता है!
रात काफी होने की वजह से सतपाल किसी से कुछ नहीं कहता बस खाना खाकर सो जाता है! अगली सुबह सतपाल अपनी पत्नी को बताता है कि हम लोग गाँव और बसापत (इंसानी आबादी) से थोड़ा दूर वीरान जगह रहते है, यहाँ कई तरह के खतरे हैं और मैं भी आये दिन लोगो के इलाज के लिए दूर-दूर जाता रहता हूँ, तीनों बेटे हमारे अभी छोटे हैं
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इसलिए मैंने अपने परिवार के लिए एक चौकीदार रखा है जो बाहर खड़ा है और हमेशा वहीं खड़ा रहेगा, जरुरत पड़ने पर वो हमारे परिवार की रक्षा करेगा, ऐसा सुनते ही सतपाल की पत्नी जल्दी से बाहर उस चौकीदार को देखने गई और आकर बोली वहाँ तो कोई नहीं है इसपर सतपाल ने कहा वो दिखेगा नहीं मगर हमेशा अपना फर्ज़ निभाएगा!
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पत्नी को यकीन तो नहीं आया मगर उसने हाँ-हाँ करके बात को वहीं ख़त्म कर दिया! कुछ दिनों बाद एक लड़की के ऊपर चुड़ैल होने की खबर सतपाल भगत को मिली और उसके परिवार से उनके घर आने का न्यौता भी साथ में आया! सतपाल ने जाने की तैयारी करते हुए पत्नी से कहा “घर और बच्चों का ध्यान रखना मैं दो ही दिनों में आ जाऊँगा और दरवाजा पूछकर ही खोलना कौन है? कहाँ से आया है?” इतना कह कर सतपाल उस गाँव के लिए निकल गया!
रात होने से पहले ही सतपाल की पत्नी ने तीनों बेटों को खाना खिला कर घर का दरवाजा बंद कर लिया और घर के बाकि काम निपटाकर बच्चों को लेकर सो गई!
बदमाशों से भिड़ा नेपाली प्रेत Bhoot Pret ki Kahaniyan
इत्तेफ़ाक़ कहें या फिर किसी गिरोह को सतपाल के घर से जाने की भनक लग गई, उस बदमाशों की टोली ने घर में आज रात ही घुसकर लूट-पाट करने की ठान ली! जैसे ही रात गहरी हुई उन्होंने सतपाल के घर में घुसने की कोशिश शुरू कर दी, दो लोग छत पर चढ़कर ऊपर वाले दरवाजे को काटने लगे तो बाकि के तीन लोग नीचे वाले दरवाजे को तोड़ने लगे,
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यह शोर सुनकर सतपाल की पत्नी की नींद एकदम से खुल गई और उसने जल्दी से उठकर देखा तो छत और बाहर वाले दोनों दरवाजों से दरवाजा तोड़ने की आवाज़ें आ रही थी, वो जल्दी से बाहर के दरवाजे की तरफ दौड़ी और दीवार के छेद से घर के बाहर झांका तो देखा कि दो लम्बे चौड़े लोग मुँह पर कपड़ा बांधे हाथ में चाकू लिए खड़े हैं और एक आदमी दरवाजा तोड़ रहा है, उसने सोचा आज तो हम नहीं बचेंगे,
घर तो बाद में लुटेगा पहले मैं और मेरे तीनों बेटे मारे जायेंगे! उस ज़माने में फ़ोन या मोबाइल तो थे नहीं जो वो पुलिस या अपने पति सतपाल को फ़ोन करती इसलिए वो बेबस हो गई थी! लेकिन वो कहते हैं ना कि जब बात जान पर बन आये और कोई बचने का रास्ता ना दिखे तो कमजोर से कमजोर प्राणी भी आत्मरक्षा में हमला कर देता है तो यहाँ भी सतपाल की पत्नी ने ऐसा ही करने के लिए बाहर वाले दरवाजे के ऊपर वाले टांड (कोलकी) पर चढ़कर गई और वहाँ से एक कुल्हाड़ी लेकर जल्दी से नीचे आई और दरवाजे के पीछे छुप गई और बदमाशों के अंदर आने का इंतजार करने लगी!
A Horror Story in Hindi
जैसा हम सब जानते हैं कि एक औरत खुद के लिए तो शायद “अबला नारी” बनी रहे जिसमे लड़ने की शक्ति ना हो लेकिन जब वो माँ बनती है और बात उसकी औलाद की जान की रक्षा पर आ जाये तो उससे बड़ा कोई “योद्धा” नहीं होता! यहाँ भी बस यही रूप इस माँ ने ले लिया था और अब वो आर-पार की लड़ाई को तैयार थी! अंदर से और बाहर से भी अब (अंदर और बहार) दोनों तरफ से ही दरवाजा टूटने का इंतज़ार था!
ऊपर से और बाहर दोनों जगह से दरवाजा टूटने की आवाजें निरंतर आ रही थी, कभी भी कुछ भी हो सकता था मगर हुआ इसका एकदम उल्टा, अचानक से ऊपर का दरवाजा टूटने की आवाज़ आनी बंद हो गई और घर के पीछे कुछ गिरने की आवाज आई, इधर सतपाल की पत्नी चौंक गई उधर वो बाहर खड़े बदमाश सहम गए कि ऊपर वाले साथियों को क्या हुआ? तो वो भी अब बाहर का दरवाजा तोडना बंद कर देते हैं और स्तिथि का जायज़ा लेते हैं,
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थोड़ी ही देर में बाहर से उन तीनों बदमाशों की चीखने-चिल्लाने की तेज़ आवाजें आने लगती हैं इधर अंदर से सतपाल की पत्नी दीवार के उसी छेद से बाहर देखती है तो उसको तीनों बदमाश ज़मीन पर पड़े चिल्लाते दिखते हैं और रेंग कर घर से दूर जाते हुए दिखते हैं,
कुछ देर बाद दो और लोग घर के पीछे से उन्हीं बदमाशों के साथ मिलकर वहाँ से भाग जाते हैं, सतपाल की पत्नी को अपनी आँखों पर विश्वास नहीं होता और वो आँखों से ओझील होने तक उन सभी बदमाशों को देखती रहती है और उनके जाने के बाद दरवाजा खोल कर बाहर आ जाती है और आस-पास कोई और खतरा तो नहीं ये सुनिश्चित करके अंदर आकर दरवाजा बंद कर लेती है
Short Horror Stories
फिर जैसे ही कुल्हाड़ी टांड पर रखने को हाथ बढाती है तो एक नेपाली लड़का उसको चौकीदार की वर्दी कमर में कुकरी (नेपाली चाकू) और नेपाली टोपी लगाए उसी टांड पर बैठा दिखता है, वो सन्न रह जाती है और अंदर वाले कमरे में घुसकर दरवाजा बंद कर लेती है! पहले तो वो सोचती है कि अब ये नई मुसीबत क्या आन पड़ी? फिर अगले ही पल उसको अपने पति की वो चौकीदार वाली बात याद आती है और अब उसको विश्वास हो जाता है कि हो ना हो ये वही चौकीदार है जिसका मेरे पति ने जिक्र किया था! इसी चौकीदार ने आज हमारा रखवाला बनकर बढ़माशों हमारी जान की रक्षा की है!
शाबाश! बम बहादुर Horror Stories in Hindi for Reading
अगली सुबह सतपाल अपना इलाज का काम करके घर आ जाता है और पत्नी से उसको रात की सारी बातें पता चलती है और उसको अपने किए बम बहादुर वाले फैसले से काफी खुशी होती है!
भूत-प्रेत, आत्मा, जिन्न, देवी-देवता, पीर हो या कोई भी ऐसी ही शक्ति हो अगर कोई भगत इनमें से किसी से कोई भी काम कराता है तो उस भगत के द्वारा उस शक्ति को भोग या प्रसाद के रूप में कुछ चढ़ावा दिया जाता है फिर वो चाहे मिठाई, अन्न या किसी जीव की ‘बली’ ही क्यों ना हो मगर कुछ ना कुछ देना होता है
Real Horror Stories
जिससे उस शक्ति से आगे भी काम लिया जा सके और वो शक्ति खुशी से भगत के साथ रहे और आगे भी उसके काम करती रहे! भोग नहीं देने की स्तिथि में वो शक्ति भगत या उसके परिवार के साथ कुछ गलत भी कर सकती है और उसका साथ भी छोड़ के जा सकती है! ज्यादार ऐसी शक्तियों से भोग का लालच देकर ही ऐसे काम कराये जाते हैं और हर खास मौकों (त्यौहार, शादी, जन्म आदि) पर उनका भोग लगाया जाता है या प्रसाद चढ़ाया जाता है!
सतपाल जानता था की “बम बहादुर” को “बेसन के लड्डू” पसंद हैं तो उसने बम बहादुर को “बेसन के लड्डूवों” का भोग चढ़ाया!
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सतपाल और उसके परिवार को तो मानो जैसे बम बहादुर पर एकदम अटूट विश्वास हो गया था और अब सतपाल भी निश्चिन्त होकर अपने इलाज के काम से बाहर जा सकता था! समय गुजरता गया और ऐसी बड़ी घटना तो फिर नहीं घटी हाँ छोटी-छोटी बातें हो जाया करती थी और उन छोटी घटनाओं से भी बम बहादुर इस परिवार को हमेशा बचा लिया करता था कोई बच्चा भी अगर कुछ बोल दे कि ऐसा होना चाहिए तो वो उसको भी तुरन्त पूरा कर दिखाता था ये बात अच्छी तो थी मगर सतपाल के लिए चिंता का भी विषय थी!
चाहे कोई इंसान हो या वस्तु सभी के फायदे होने के साथ कुछ नुकसान भी होते ही हैं बस ऐसा ही सोच कर सतपाल ने जैसा चल रहा है वैसा चलने दिया!
Darawani Kahaniyan
ऐसा ही सब ठीक-ठाक चलता रहा 10-12 वर्ष गुजर गए, बच्चे अब बड़े होकर काम करने लगे, सबसे बड़ा और सबसे छोटा बेटा तो ड्राइवर बन गए मझला बेटा को पिताजी वाले इलाज के काम में रूचि थी तो वो पिताजी के साथ पास और दूर के गाँव में जाने लगा, 3-4 वर्ष ऐसे ही और बीतने के बाद सतपाल भगत का स्वर्गवास हो गया जिससे परिवार को एक काफी बड़ा झटका लगा जिससे उबरने में परिवार को कई महीने लग गए, फिर धीरे-धीरे सब सामान्य हो गया!
लड्डू खाये गाडी पलटाये Bhoot Stories
बड़ा और छोटा बेटा अपने ड्राइविंग के काम पर जाते और मझले बेटे का आये दिन इलाज के लिए कहीं ना कहीं जाना लगा रहता, फिर एक दिन सभी लोग घर में थे सबसे छोटा बेटा गुस्से से घर आया और बिना खाना खाये और बिना किसी से बात करे सोने के लिए चला गया,
A Horror Story in Hindi
दोनों भाइयों ने उससे गुस्से का कारण जानना चाहा तो उसने उनको कुछ नहीं बताया बस वहाँ से जाने को कहा, दोनों भाई तो वहाँ से चले गए मगर माँ उसके पास ही आकर बैठ गई और बार-बार उसके गुस्से का कारण पूछने लगी,
छोटे बेटे ने माँ को भी खूब टाला मगर माँ को तो सब जानना था तो वो कोशिश करती रही अंत में हारकर छोटे बेटे ने कहा माँ आज मेरे मालिक ने मुझे निकाल कर वो मेटाडोर जिसको मैं इतने वर्षों से चला रहा था वो किसी नये ड्राइवर को हिमाचल प्रदेश में सवारी को घूमाने के लिए दे दी है, मुझे मालिक और नये चापलूस ड्राइवर पर बहुत गुस्सा आ रहा है मैं तो चाहता हूँ कि वो गाड़ी आज हिमाचल पहुंचने से पहले ही पलट जाये जिससे ड्राइवर की भी छुट्टी हो जाये और मेटाडोर गाड़ी के मालिक को भी अक्ल आये!
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माँ ने समझया कि बेटा ऐसा अशुभ नहीं बोलते, जो हुआ उसको जाने दे तू खाना खा ले काम यहाँ नहीं तो कहीं और मिल जायेगा! माँ ऐसा बोलकर छोटे बेटे को खाना खिला देती है और सब सो जाते हैं, अगली सुबह पूरा परिवार, माँ और तीनों बेटे चाय पी रहे होते हैं कि मझला बेटा कहता है कि माँ मुझे कल रात सपने में एक गाड़ी पलटती दिखी है पता नहीं ऐसा सपना क्यों आया मुझे?
इसपर सबसे बड़े बेटे की तो कोई प्रतिक्रिया नहीं थी मगर माँ और छोटा बेटा एकदम स्तब्ध थे की ये बात तो रात को उनके बीच सोने से पहले हुई थी और मझला बेटा भगत भी है तो इस बात का कोई मतलब ना निकले ऐसा होने बहुत मुश्किल था! सब अपने काम पर निकल गए छोटा बेटा खाली था तो वो टैक्सी वाले अड्डे पर आ गया और लोगो से मिलने लगा और कहने लगा कोई गाड़ी पर ड्राइवर चाहिए हो तो बताना मुझे मेरे मालिक ने हटा दिया है
Ghost Stories
मैं उनकी मेटाडोर चलाता था इसपर कुछ लोग छोटे बेटे से मेटाडोर के बारे में और ज्यादा पूछने लगे तो छोटे बेटे ने इतना पूछने का कारण जानना चाहा तो उसको लोगो ने बताया कि एक मेटाडोर कल करनाल से हिमाचल जाते हुए चंडीगढ़ के आस-पास पलट गई, किसी को गंभीर चोट तो नहीं आई मगर मेटाडोर को काफी नुकसान हुआ है, ऐसा कुछ लोगो ने छोटे बेटे को टैक्सी अड्डे पर बताया और वो सुनकर हैरान था मगर उसने किसी से कुछ नहीं कहा और घर आकर सारी बात घरवालों को बता दी मगर किसी ने इस बात पर गहराई से विचार नहीं किया कि ऐसा क्यों हुआ होगा!
अगले दिन छोटे बेटे की तबियत ज्यादा ख़राब हो जाती है तो माँ उसको डॉक्टर से दवाई दिलवा देती है मगर रात तक भी कोई आराम नहीं लगता ना तो वो कुछ खाता है ना ही कुछ पीता है, माँ और सारे भाइयों को उसकी बहुत चिंता होती है जैसे-तैसे ये रात तो निकल जाती है,
Horror Story in Hindi
अगली सुबह भी छोटे बेटे को कोई आराम नहीं लगता तो माँ अपने मझले बेटे से कहती है कि “बेटा इसको दो दिनों से कोई भी दवाई नहीं लग रही, ना ये कुछ खा-पी रहा है, मुझे हमारे कुल देवता से पूछकर यह बता कि इसपर किसी ने कुछ टोना-टोटका तो नहीं किया या इसका पैर किसी “चौराहे के उतारे” पर तो नहीं आया या हमसे कोई गलती हुई हो? ये सब पूछ कर मुझे अभी बता”
मझला बेटा वैसा ही करता है, हुक्का भरकर रखता है और एक दिया जलाकर कुलदेवता को याद करने लगता है, कुछ ही देर में उसके सर कुलदेवता आकर बात करने लगते हैं, माँ हाथ जोड़कर और माथा टेककर पूछने लगती है कि मेरे बेटे को इतना कष्ट क्यों झेलना पड़ रहा है?
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इसपर मझले बेटे के सर आये देव कहते हैं कि ”सतपाल ने एक ‘रक्षक’ इस घर में काफी समय पहले छोड़ा था वो इस घर पर आई विपदा और कष्टों को हटा देता है और इस परिवार का कोई भी व्यक्ति दुखी होकर कुछ मांगता है तो वो उसकी मांग पूरी कर देता है
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ऐसा ही उसने मेटाडोर पलटकर किया है मगर उसके काम के बदले उसको उसका भोग नहीं मिला इसलिये उसने तबियत ख़राब करके ये बताया है कि कुछ तुमसे भूल-चूक हो गई है” इतना कहकर देव मझले बेटे के सर से चले जाते हैं और सबको ये बात समझ आ जाती है कि सतपाल के जाने के बाद आज भी वो नेपाली प्रेत बम बहादुर रक्षक बनकर हमारे परिवार के साथ है!
माँ अपने बेटों से कहकर बम बहादुर का प्रसाद मनवाती है और देरी के लिए सबकी तरफ से माफ़ी भी मांगती है! अगले ही दिन छोटा बेटा एकदम ठीक हो जाता है और उसका वही मालिक उसको अगली शाम को घर पर अपनी दूसरी गाड़ी चलाने के लिए लेने आ जाता है!
शादियों के बाद बिगड़ा परिवार का समीकरण Horror Story
कुछ समय और बीतता है माँ तीनों बेटों की एक-एक करके शादी कर देती है!
जैसे ज्यादातर होता है यहाँ भी वही होने लगता है, शादी के बाद तीनों भाइयों में छोटी-छोटी बात पर लड़ाईयाँ होने लगती है, माँ की भी हर बात को तीनों भाई और उनकी पत्नियाँ नज़रअंदाज़ करने लगते हैं और अंत में पूरा परिवार बिखर जाता है!
Darawani Kahaniyan
घर के तीन हिस्से हो जाते हैं जिसमें से सबसे बड़ा और सबसे छोटा भाई अपना-अपना हिस्सा बेच कर पास ही के गाँव में जा के बस जाते हैं इसकी वजह से अब सबकी देहलीज (घर की चौखट) अलग हो जाती है जिसकी वजह से कुलदेवी और कुलदेवता तीनों को अपने घरों में पूजने चाहिए लेकिन सबसे बड़ा और सबसे छोटा भाई अब किसी को भी पूजना एकदम बंद कर देते हैं, माँ भी इस बारे में उनको काफी समझती है मगर उनको कोई फर्क नहीं पड़ता,
Horror Stories in Hindi for Reading
इधर मझला भाई एकदम से ज्यादा शराब पीना शुरू कर देता है और वो भी अब सभी तरह की पूजा-पाठ बंद कर देता है जिससे घर के कुलदेवी और कुलदेवता के साथ बम बहादुर भी नाराज़ हो जाते हैं! अगले 2 वर्षों में माँ और दो भाई, सबसे बड़े और मझले भाई की मृत्यु हो जाती है, आज के समय की बात करें तो तीसरे भाई का हाल भी बहुत बुरा है, कई बीमारियों ने उसको घेरा हुआ है, तीनों का बचा हुआ परिवार भी काफी दयनीय स्तिथि में है, उनके पास आज के समय में ना शिक्षा है, ना रोजगार है और ना ही घर में सुख-शंति है!
खोया सच्चा रक्षक Real Horror Story in Hindi
ऐसा तभी होता है जब हम अपने हाथों से अपनी जड़ें काट देते हैं, कुलदेवी, कुलदेवता और वो सच्चा रक्षक नेपाली चौकीदार या प्रेत सरकार (बम बहादुर) को तीनों ही भाईयों ने अलग-अलग समय पर दूध से मक्खी की तरह निकालकर बाहर कर दिया जिसके परिणाम स्वरुप आज उन तीनों भाइयों के घरों में अदृश्य खतरों (बुरी आत्माओं, टोना-टोटका) की भरमार है जिससे लड़ने के लिए आये दिन भगतों को इलाज करने के लिए बुलाया जाता है, जिसमें से ज्यादातर लालची होते हैं, वो भगत आते हैं थोड़ी कुछ छोटी-मोटी दिक्कत सुलझाकर और बताकर इलाज के नाम पर इन परिवारों की मेहनत की गाढी कमाई लूट कर चलते बनते हैं!!!
रक्षक:
वो निराला रक्षक लाडू खाता जाता है, और अपना फर्ज़ निभाता जाता है!
कभी गड़ी पलटाता है कभी चोरों को भगाता है,
और हर मुसीबत में सबसे आगे खड़ा हो जाता है!
नोट: अपने डरावने सच्चे किस्से हमें बताएं, पैसा और नाम कमाएं!
अनदेखी हॉरर कहानियाँ | Anadekhi Horror Kahaniyan
प्रिय पाठकों, हमें उम्मीद है कि आपको हमारी यह कहानी ( नेपाली चौकीदार या प्रेत सरकार ।
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