एक अनजान सफर
राहुल एक घुमक्कड़ ब्लॉगर था, जिसे वीरान और रहस्यमयी जगहों के बारे में लिखना पसंद था। एक दिन उसे एक पुरानी, वीरान हवेली के बारे में पता चला, जो शहर से दूर जंगल के बीचों-बीच थी। लोग कहते थे कि वहाँ जो भी गया, कभी वापस नहीं आया। लेकिन राहुल ने इसे अफवाह मानते हुए वहाँ जाने का फैसला किया।
रात के समय, जब वह अपनी कार से उस हवेली के पास पहुँचा, तो अचानक उसकी कार की हेडलाइट्स बंद हो गईं। चारों तरफ घना अंधेरा था। हवा में एक अजीब सी सड़ांध थी, जैसे कोई चीज़ सड़ रही हो। उसने कार से उतरकर टॉर्च जलाया और हवेली की ओर बढ़ने लगा।
हवेली के अंदर
हवेली के दरवाजे पर विशाल लोहे की जंजीरें थीं, लेकिन जैसे ही उसने उन्हें छुआ, दरवाजा खुद-ब-खुद चरमराता हुआ खुल गया। अंदर घुसते ही उसे महसूस हुआ कि कोई उसे देख रहा है। दीवारों पर लगे पुराने चित्रों के चेहरे अजीब तरह से विकृत लग रहे थे। कमरों में टूटी-फूटी कुर्सियाँ, धूल से सनी मेजें और दीमक लगी अलमारियाँ थीं।
अचानक, एक हल्की हंसी की आवाज़ आई। राहुल ने टॉर्च घुमाई तो देखा—एक पुराना झूला हल्के-हल्के हिल रहा था। लेकिन वहाँ कोई नहीं था!
रहस्य खुलता है
राहुल के कदमों की आवाज़ के साथ-साथ किसी और के कदमों की आवाज़ भी गूंज रही थी। उसने पीछे मुड़कर देखा, लेकिन वहाँ कुछ नहीं था। अचानक, उसे एक लड़की की तस्वीर दिखी, जिसकी आँखें खून जैसी लाल थीं। तभी एक आवाज़ आई—
“तुम यहाँ क्यों आए हो?”
राहुल का दिल तेजी से धड़कने लगा। उसने हिम्मत जुटाकर पूछा, “कौन हो तुम?”
“मैं वो हूँ, जिसे इस हवेली ने निगल लिया… अब तुम्हारी बारी है…”
राहुल ने देखा, तस्वीर में लड़की मुस्कुरा रही थी! पसीने से लथपथ, वह तेजी से दरवाजे की ओर भागा, लेकिन दरवाजा खुद ही बंद हो गया। हवेली की दीवारें धीरे-धीरे स्याह होती जा रही थीं।
मौत का फंदा
राहुल ने मोबाइल निकाला, लेकिन नेटवर्क गायब था। तभी सीढ़ियों पर किसी के तेज़ी से उतरने की आवाज़ आई। उसने टॉर्च घुमाई और जो उसने देखा, उससे उसकी चीख निकल गई—
एक बिना आँखों वाली औरत, उल्टे पाँव चलते हुए उसकी ओर आ रही थी। उसके चेहरे पर नासूर भरे घाव थे और उसके होठों पर खून जमा था। वह हँस रही थी, लेकिन उसकी हँसी सुनकर लगता था कि मौत करीब आ चुकी है।
राहुल चीखते हुए एक कमरे में घुस गया और दरवाजा बंद कर लिया। अंदर चारों तरफ ताबूत रखे थे। एक ताबूत अचानक खुला, और उसमें से एक जला हुआ इंसानी कंकाल बाहर गिरा।
तभी पीछे से वही आवाज़ आई, “अब तुम भी इन ताबूतों का हिस्सा बनने वाले हो!”
राहुल ने दरवाजा खोला और भागने लगा, लेकिन वह औरत हवा में तैरती हुई उसके सामने आ गई। उसने राहुल के गले पर हाथ रखा और ज़ोर से दबा दिया। राहुल की आँखें बाहर आने लगीं, उसकी साँसें तेज़ हो गईं।
औरत की आवाज़ में गूंज था, “जो इस हवेली में आता है, वो कभी वापस नहीं जाता!”
अगली सुबह, जब कुछ लोग हवेली के पास से गुजरे, तो उन्होंने वहाँ एक नई तस्वीर देखी—
राहुल की तस्वीर! और उसकी आँखें भी खून जैसी लाल थीं…
Story By – Sumit
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