जिद्दी भूत की मज़ेदार कहानी | Majedar Horror Kahani | Part-1

Rate this post

दिल्ली के एक पुराने फ्लैट में जिद्दी भूत का खौफनाक और रोमांचक किस्सा | Majedar Horror Kahani

majedar bhoot ki kahaniपुराने बंद पड़े मकानों में अकसर भूत-प्रेत अपना डेरा डाल ही लेते हैं और फिर जो परिवार वहाँ रहने आए उसको काफी तंग करते हैं और कभी-कभी तो ऐसे परिवारों की जान पर भी बन आती है मगर सच तो यह है कि हवन, गृहशान्ति और अनुष्ठान कराने से ये भूत-प्रेत भाग भी जाते हैं परन्तु हमेशा नहीं जी हाँ कुछ भूत-प्रेत आत्माएं इतनी जिद्दी और ताकतवर होती हैं जिनका हवन और गृहशान्ति से बाल भी बांका नहीं होता और वो जिसको चाहें, जब चाहें अपना शिकार बना लेती हैं और अंत में उस परिवार को वह घर इन भूतों के हवाले करके वहाँ से निकलना ही पड़ता है।

यह वख्या सन 2016 राजधानी दिल्ली का है,हुआ ऐसा कि एक कई दिनों से खाली पड़े फ्लैट में चार लोगों का एक परिवार रहने आ गया, उस परिवार में पति-पत्नी उनकी एक बेटी और पति का छोटा भाई था, पति का नाम वीरेंद्र, पत्नी का नाम रमा, बच्ची का नाम आभा और पति के छोटे भाई का नाम हरिन्द्र था,परिवार ने घर में आते ही सबसे पहले एक हवन कराया जिससे उस जगह से नकारात्मकता हट जाए और घर शुद्ध हो सके,दोनों भाई एक दुकान चलाते थे और सुबह घर से निकल कर रात को ही घर लौटते थे उनके पीछे बच्ची भी स्कूल चली जाती थी और पत्नी को अकेले ही उस फ्लैट में रहना पड़ता  था,

*जिद्दी भूत की पहली आहट*(Majedar Bhoot ki kahani)

एक दिन पत्नी रमा रसोई में खाना बना रही थी तो उसको बाथरूम से कुछ आवाजें आने लगी वो गैस मंदा करके बाथरूम में गई तो बाथरूम का दरवाजा बंद था और आवाजें फिर भी आए जा रही थी अब रमा को थोड़ा डर लगने लगा तो उसने बराबर वाले फ्लैट से जाकर पड़ोस की आंटी को बुलाया तब तक आवाजें आना बंद हो चुकी थी, आंटी ने आकर बाथरूम का दरवाजा खोला तो वो आसानी से खुल गया फिर आंटी ने रमा को समझाया कि ‘डरने की बात नहीं है बारिश के मौसम में दरवाजा अकड़ कर जाम हो जाता है और वो आवाज़ कहीं और से आ रही होगी तू डर मत और अपना काम करले’ यह कह कर आंटी अपने फ्लैट में चली गई और रमा अपने काम में लग गई

*दिन दहाड़े हमला* Majedar Horror Kahani

अगली शाम आभा अकेली कमरे में खेल रही थी और रमा रसोई में बर्तन साफ कर रही थी तभी रमा को आभा के चीखने की आवाज़ आई और रमा जैसे ही कमरे में आई तो उसने आभा को आधा पलंग के नीचे और आधा बाहर देखा, आभा चींखे जा रही थी और अपने दोनों हाथ रमा की तरफ बढ़ा के खुद को बाहर खींचने के लिए कह रही थी, रमा को पता नहीं क्या हुआ वो चाह कर भी आभा की मदद नहीं कर पर रही थी|

ऐसा लग रहा था वो वहीं कमरे के दरवाजे पर जम गई है मगर कुछ देर बाद वो होश में आई और आभा को पकड़ कर ज़ोर से खिंचा और बाहर निकाला बाद में पूछने पर आभा ने बताया कि ‘मम्मी मैं कमरे की ज़मीन पर बैठ कर खेल रही थी फिर अचानक किसी ने मेरे दोनों पैर पकड़कर पलंग के नीचे खींच लिए और मैं बहुत डर गई’ रमा ने ये बात और अपनी बाथरूम वाली बात दोनों भाइयों को दुकान से आने के बाद बताई उनको भी लगा कि इतनी बड़ी बात हुई है यहाँ कुछ तो गलत है जो बार-बार हमारे परिवार को तंग कर रहा है फिर तीनों ने मिलकर छुट्टी वाले दिन किसी तांत्रिक या ओझा को बुलाकर इस मुसीबत को हटाने का फैसला कर लिया मगर अभी उन भाइयों की छुट्टी आने में दो दिन बाकी थे।

*परछाई बनकर होश उड़ा डाले*Bhoot ki parchai

एक दिन बाद जब छोटा भाई हरिन्द्र सुबह उठकर बाथरूम में शेव बना रहा था तभी उसके पीछे आकर एक बड़ी सी परछाई खड़ी हो गई उसको एहसास हुआ उसने मुड़कर देखा तो कोई नहीं था मगर जब फिरसे सामने देखा तो वो परछाई फिरसे उसके पीछे खड़ी थी, हरिन्द्र ने तो शेव छोडकर भाई को आवाज़ दी और बाथरूम से बाहर आ गया फिर सारी बात अपने भैय्या और भाभी को बता डाली..तीनों बहुत डर गए और रमा ने कहा मैं भी अकेले अब यहाँ जब तक नहीं रहूँगी जब तक यहाँ सब ठीक नहीं होता

*जिद्दी भूत ने पूरे परिवार के आगे किया मौत का तांडव*(Majedar Horror stories in hindi)

दोनों भाइयों के दुकान और बेटी के स्कूल जाने के बाद रमा पास ही में अपनी सहेली के चली यहाँ गई और आभा के आने के बाद ही घर में वापस आई, रात को पूरा परिवार खाने के बाद बातें करने लगा कि कल हम एक मौलवी को लेकर आएंगे जो पास ही की दरगाह में बैठते हैं और फिर यहाँ जो भी अला-बला है उसको निकाल कर बाहर कर देंगे,थोड़ी देर बाद रमा चाय बनाने चली गई, वीरेंद्र सब्ज़ी काटने लगा और हरिन्द्र बाथरूम में हाथ धोने चला गया थोड़ी देर में हरिन्द्र ने हाथ धोते हुए पीछे किसी को खड़ा महसूस किया उसने शीशे में से ही देखा कि एक बहुत बूढा और खूंखार आदमी गंदे कपडे पहने और चेहरे पर चिड़चिड़ापन लिए उसको खाने की नज़र से ‘घूर’ रहा है|

हरिन्द्र ने मुड़कर देखा तो वो बूढा आदमी उसके एकदम करीब ही था और उसकी तरफ जैसे ही बढ़ा तो हरिन्द्र की चींख पूरे फ्लैट में गूँज गई वो जैसे-तैसे करके बाहर आया तो देखा उसकी भाभी भी डर से चिल्ला रही है क्यूंकि उसके चाय वाले बर्तन में आग लग गई है जबकि अभी तक उसने गैस जलाई तक नहीं थी दोनों वीरेंद्र की तरफ भागे तो वीरेंद्र अपने होश में नहीं था वो सब्ज़ी काटने वाले चाकू से पूरे सोफे को फाड़े जा रहा था और एक पागलपन उसपर सवार था आभा डर के मारे पलंग पर कोने में दुपक गई थी, हरिन्द्र ने हिम्मत जुटाई और भाई को पकड़कर कस कर झिनझोड़ दिया जिससे वीरेन्द कुछ होश में आया रमा ने हरिन्द्र से कहा कि ‘अभी के अभी यहाँ से निकल जाते हैं तुम आभा को गोदी में लेकर आओ मैं वीरेंद्र को लेकर बाहर चलती हूँ..

हरिन्द्र ने आभा को गोदी में लिया, रमा और वीरेंद्र भी उठ गए मगर किसी ने बैडरूम जिसमें ये चारों लोग थे उसका दरवाजा ज़ोर से बंद कर दिया, अब चारों की चीखें निकले जा रही थी साथ में वो दरवाज़ा खोलने की कोशिश भी कर रहे थे मगर दरवाज़ा ऐसा जाम पड़ा था

जैसे मानो किसी ने वेल्डिंग करके बंद किया हो कुछ देर ये सब चलने के बाद एक बूढा आदमी जो शैतान जैसा दिख रहा था वहाँ आ गया और गुस्से में पूरे परिवार को गाली देने लगा साथ में कहने लगा कि ‘एक तो तुम मेरे घर में आकर रहने लगे फिर मुझे ही बाहर निकालने की बात मेरे सामने कर रहे हो, वो मौलवी भी मेरा कुछ नहीं बिगाड़ पायेगा जिसको तुम कल बुलाने वाले हो जाओ उस मौलवी को बुला लाओ’ बैडरूम का सामान अपने आप ही आगे-पीछे हो रहा था, कमरे में रौशनी एकदम कम हो गई थी और ऐसा लग रहा था आज यहाँ कोई ‘ *अनहोनी* ‘ जरूर होकर रहेगी, पूरा परिवार अपने ईश्वर से उन्हें बचाने की प्रार्थना लगातार किए जा रहा था फिर शायद उनकी प्रार्थना स्वीकार हो गई और वो बूढा शैतान दीवार में गायब हो गया।

वीरेंद्र का परिवार उसी रात अपना सारा सामान छोड़कर बिना किसी को बताये वहाँ से अपने रिश्तेदार के यहाँ चला गया और आजतक न तो वो परिवार अपना सामान लेने आया और न ही मकानमालिक को दी अपनी सिक्योरिटी वाली रकम ही लेने वहाँ आया आज तक पता नहीं वो परिवार कहाँ है।।

यहाँ इस किस्से का भाग-1 समाप्त होता है इससे आगे का किस्सा आप ज़िद्दी भूत भाग-2 में पढ़ सकते हैं (Majedar Horror Kahani)

Leave a Comment

Earn money