वो क्या था? Most Real Horror Story In Hindi

1/5 - (1 vote)

टूटा मकान

मेरा नाम बादल है, दिसंबर 2024 दिल्ली के करोल बाग रात के 1:30 बजे की यह घटना है, मैं एक शादी से घर आ रहा था।साल के इस समय दिल्ली में सर्दियों का मौसम शबाब पर होता है, गली में कुछ कुत्तों के अलावा कोई भी नहीं था हर तरफ एक अजीब, डरावना और डसने वाला सन्नाटा पसरा हुआ था।मेरी गली में मेरे घर से 20 कदम पहले ही एक घर बनने के लिए पूरा तोड़ा हुआ था उस घर में ‘नीव’ के लिए खुदाई भी हो रखी थी।

जानवर खतरा पहले भाँप लेते हैं

फिर जैसे ही मैं उस घर के सामने आया तो गली के 4 कुत्तों में से एक कुत्ता मेरी तरफ ज़ोर से भोंकता हुआ दौड़ा जैसे मैं कोई अनजान इंसान हूँ या उनके लिए कोई खतरा हूँगली के चारों कुत्ते मुझे जानते थे क्यूंकि मैं ही रोज़ सुबह उनको खाना डालता था।इसलिए मैं इस बात से काफी हैरान हुआ और ऐसा भी नहीं कि उन्होंने मुझे पहचाना नहीं था और ऐसा भी नहीं कि गली में अंधेरा हो, गली में अच्छी खासी रौशनी थी जिसमें सब कुछ साफ दिख रहा था।
मेरी पीठ उस टूटे हुए मकान की तरफ थी और मेरा चेहरा उस भोंकने वाले कुत्ते की तरफ था और मैं पुचकार कर उस कुत्ते को शांत करने की कोशिश किए जा रहा था मगर वो इतनी तेज़ भोंक रहा था कि उसके मुँह से ‘लार’ तक बाहर ज़मीन पर गिर रही थीफिर कुछ देर बाद पीछे हटते हुए मैं वहाँ से थोड़ा सा घूमा और अब मेरी पीठ मेरे घर की तरफ हो गई और यह देखकर मैं एकदम चौंक गया कि जहाँ वह टूटा मकान था वह कुत्ता अभी भी उसी दिशा में भौंकें जा रहा था।
सर्दियों का मौसम था मगर सच कहूँ तो मेरे माथे पर पसीना आ गया था, मेरे रौंगटे खड़े हो गए थे और मेरी रीढ़ की हड्डी एकदम सुन पड़ चुकी थी क्यूंकि वो नज़ारा ही ऐसा था।सुनसान गली, सर्दियों का मौसम, बेतहाशा एक शांत रहने वाला कुत्ता और मन में अजीब से डरावाने ख्यालों का लगातार आना।
यह मंज़र अभी यहाँ रुका नहीं फिर उस कुत्ते ने धीरे-धीरे घूमना शुरू किया मगर उसके भौंकने के वेग में कोई कमी नहीं आई।अलगे 3-4 पलों में वह फिर से मेरी तरफ भौंकने लगा जैसे मानो वह ख़तरनाक चीज जो उसको लगातार दिख रही थी मानों अब वो फिरसे मेरे पीछे आकर खड़ी हो गई हो और वो कुत्ता एक बड़ा खतरा मानकर उसको वहाँ से भगाना चाहता हो।
मैं तो बहुत ज्यादा डर गया था और अब किसी भी बात का शक़ मेरे मन में नहीं था कि यहाँ बहुत ज्यादा खतरा है और यहाँ रुकने का मतलब अपनी जान को जोखिम में डालना है इसलिए मैंने भागकर जल्दी से घर की घंटी बजाई और दरवाजा खुलते ही घर में आ गया लेकिन उस रात मुझे काफी देर से नींद आई।

आई वो अनचाही बुरी खबर

मैं सुबह उठा मगर वो बात फिरसे मेरे मन में घूमने लगी घर पर मैंने इस बात को बताना सही नहीं समझा इसलिए चुपचाप तैयार होने लगा तभी मम्मी बाहर से सामान लेकर आई और बोली कि ‘पड़ोस वाले कपूर अंकल गुज़र गए हैं’।मेरा ध्यान सीधा उसी बात पर गया कि कहीं उनकी मौत का कारण वो चीज तो नहीं थी?
जो मेरे पीछे उस कुत्ते को दिख रही थी क्यूंकि कपूर अंकल का घर उस टूटे घर के सामने वाला ही था जहाँ वो अनजान और अजीब चीज़ घूम रही थी।मैं सुबह ही कपूर अंकल के घरवालों से मिला और उनकी मौत का कारण जानने लगा तो उनके बेटे ने बताया कि पापा तो एकदम ठीक थे बस रात को पेशाब करने उठे होंगे तभी उनका ‘हार्ट फेल’ हो गया और वो टॉयलेट के बाहर ही गिर गए जिसकी आवाज से हमारी मम्मी उठ गई और शोर मचा कर हमें भी उठा दिया फिर हम पापा को तभी अस्पताल ले गए जहाँ डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया’।फिर मैंने कपूर अंकल के बेटे से उनके हार्ट फेल का टाइम पूछा तो उसने कहा कि लगभग 2 बज रहे होंगे उस समय यह जानकर मुझे मेरा शक़ यकीन में बदलते हुए दिखा।

फिरसे बजी मौत की घंटी

कपूर अंकल की मौत के बस 3 या 4 ही दिन और बीते होंगे संडे की मेरे ऑफिस की छुट्टी थी इसलिए मैं शनिवार की रात को देर तक जागकर एक हॉलीवुड की फ़िल्म देख रहा था काफी देर से मुझे उसी कुत्ते की आवाज़ आने लगी पहले तो मैंने सोचा कि वो 4 कुत्ते आपस में लड़ रहे होंगे मगर कुछ देर बाद आवाज़ लगातार उसी कुत्ते की आती रही तो मैंने गेट खोलकर देखा तो मैं हिल गया, मैंने देखा कि वो कुत्ता उसी टूटे घर के सामने फिरसे बुरी तरह भौंकें जा रहा है उस समय घड़ी में 1 बजा था।मैं अपने दरवाज़े पर यह जानने के लिए कुछ देर रुका कि कहीं कोई जीव या इंसान तो वहाँ नहीं हैं जिसको देखकर वो कुत्ता भौंक रहा है मगर मुझे वहाँ कोई नहीं दिखा और मेरा डर और पुख्ता हो गया फिर मैंने दरवाज़ा बंद करके घर के अंदर आना ही ठीक समझा।

वही हुआ जिसका डर था

मेरी यह रात भी काफी लंबी रही मैं सुबह 4 बजे ही सो सका फिर मैं सुबह उठते ही सबसे पहले गली में गया तो देखा कि इस बार उस टूटे घर के अगले मकान में एक जवान लड़का जो ‘जिम’ चलाता था वो मर चुका था उसके घर से दहाड़े मारकर रोने की आवाजें पूरी गली में आ रही थी वो मंज़र सच में बहुत भावुक और डरावना था।

दूसरा वार, दूसरा शिकार

मैं भी सबकी तरह गली में जाकर उनके घर के सामने टेंट के अंदर बैठ गया और पड़ोसियों से बात करने लगा तभी एक लड़के ने बताया जो उस मरने वाले लड़के का दोस्त था कि कल रात शनिवार को हम सब लोग पार्टी कर रहे थे मगर मैं पार्टी से जल्दी घर आ गया मगर पुनीत पार्टी करके रात 2 बजे घर आया और उसकी बहन ने दरवाज़ा खोला तो इतनी सर्दी में पुनीत को पसीने से भीगा देखा।बहन के पूछने पर पुनीत ने कहा कि ‘पता नहीं बस अभी घर के पास आने पर ही ऐसा होने लगा है, मेरा दिल घबरा रहा है इसलिए मैं जल्दी से सोने जा रहा हूँ’पुनीत कल रात ऐसा सोया कि उठा ही नहीं, यह कहकर पुनीत का दोस्त ज़ोर से रोने लगा।

कुछ तो खतरनाक है यहाँ

यह दो घटनाएं मेरे सामने हुई जिसका जवाब मेरे पास नहीं है, उस घर के टूटने से कोई बुरी शक्ति आज़ाद हुई या उसकी नीव में कुछ ऐसा ‘दफन’ था जो बहुत खूंखार और ख़तरनाक है और अब आज़ाद घूम रहा है?वो मकान आज भी वैसा ही पड़ा है क्यूंकि जिसने उसको रहने के लिए लिया था और उसको जो बना रहा था उस आदमी को लकवा मार गया है जिसकी वजह से कई महीनों से उस मकान पर अभी तक कोई काम नहीं हुआ है।
आज भी रह रहकर यह सवाल मेरे मन में आता रहता है

वो क्या था?……..

Leave a Comment