काला जादू क्या होता है? पढ़िए सच्ची डरावनी कहानी
काला जादू के बारे में हम सबने सुना है कि क्यों इसको दूसरों पर कराया जाता है इसके मुख्य उद्देश्य लोगों को बरबाद करना, जल्दी तरक्की, पैसा, शौहरत पाना और किसी से बदला लेने के लिए भी रहे हैं परन्तु आधुनिक युग में दूसरों की कामयाबी से जलने वाले कुछ लोग भी इसका सहारा लेकर अपने कलेजे को ठंडा करने लगे हैं ये कहानी इसी बात को सत्यापित करती है! काला जादू एक प्राचीन और रहस्यमयी प्रथा है जिसे विभिन्न संस्कृतियों में नकारात्मक उद्देश्यों के लिए प्रयोग किया जाता है।काले जादू का उपयोग तंत्र-मंत्र, टोने-टोटके और अदृश्य शक्तियों के माध्यम से किया जाताहै।
ऐसे अपने हों तो दुश्मन की जरुरत नहीं
देवयानी के रिश्ते तो आते ही रहते थे तो देवयानी के माता-पिता ने इस बार रिश्ते को हाँ कर दी क्यूंकि लड़का एक अच्छी सरकारी नौकरी में था और जल्दी ही दोनों की शादी हो गईं, देवयानी के पिताजी ने अपने भाइयों से सभी शिकायतें दूर करके उन दोनों परिवारों को शादी में बुला लिया खैर वो लोग शादी में आए और अच्छे से खुश होकर शामिल हुए, देवयानी शादी के बाद विदा होकर अपने ससुराल चली गईं, दो दिनों बाद सभी रस्में होने पर देवयानी और उसके पति शादी में मिले गिफ्ट्स को गिफ्ट पर लिखा नाम पढ़कर खोलने लगे कई गिफ्ट खोलने के बाद एक बॉक्स ऐसा सामने आया जिसपर कोई नाम नहीं लिखा था दोनों को ये बात थोड़ी अजीब लगी तो उन्होंने सोचा कि कोई शायद गलती से अपना नाम लिखना भूल गया है और उन्होंने उस बॉक्स को खोला तो उसमें एक बड़ी सी गुड़िया निकली जिसको देखते ही देवयानी की आँखों में चमक आ गई और उसने उस गुड़िया को उठा कर सीधा गले से लगा लिया..
गुड़िया या आफत की पुड़िया?
सारे गिफ्ट खोलकर दोनों सो गए। देवयानी अब उस गुड़िया के साथ काफी समय बिताने लगी, रोज़ गुड़िया को साफ करती फिर उसके बालों की लम्बी सी चोटी करके उसके कपडे जो देवयानी ने ही अपने कपड़ों से बनाये थे पहना देती और उससे एक बच्चे जैसा प्यार करने लगी। एक रात देवयानी को 1 बजे ज़ोर की प्यास लगी जिससे वो उठकर फ्रिज से पानी लेने गई और पानी पीकर सो गईं कुछ ही देर बाद देवयानी को किसी के करहाने की आवाज़ आने लगी जिससे उसकी नींद फिरसे खुल गई, उसने चारों तरफ देखा तो उसकी नज़र फ्रिज पर पड़ी जो थोड़ा सा खुला हुआ था और उसकी अंदर की रौशनी उसकी आँखों पर पड़ रही थी तो देवयानी उठकर फ्रिज बंद करने चली गई मगर फ्रिज बंद ही नहीं हो रहा था तो देवयानी ने नीचे देखा तो वो डर गई उसकी नई गुड़िया का सर फ्रिज के दरवाज़े में अड़ रहा था फिर उसने खुद को संभाला और गुड़िया को प्यार से गले लगाकर फ्रिज के ऊपर रखकर फ्रिज के दरवाज़े को बंद करके सोने चली गई।
शैतानी गुड़िया का डरावना खेल
1-2 दिनों के बाद जब देवयानी ऊपर वाले फ्लोर पर जहाँ कोई नहीं होता वहाँ नाहा रही थी तो उसने अपने बाथरूम के बाहर किसी को घूमते हुए महसूस किया उसके ससुराल में तो उसके पति के अलावा उसकी बूढ़ी सास ही थी जो कभी ऊपर जाती नहीं थी और पति ऑफिस गए हुए थे तो उसने सोचा बाहर कौन है और आवाज़ लगा दी “बाहर कौन है? कौन है वहाँ? मगर कोई जवाब नहीं मिला और बाहर देवयानी को कोई घूमता हुआ महसूस होता रहा..जब देवयानी नाहा कर निकली तो उसने आस-पास देखा तो वहाँ उसकी गुड़िया के अलावा कोई नहीं था फिर नीचे आकर उसने अपनी सास से भी पूछा के ऊपर कौन आया था तो सास ने कहा ऊपर क्या पूरे घर में कोई नहीं आया, देवयानी बहुत हैरान हुई और थोड़ा डर भी गई कि मुझे ऐसाक्यों महसूस हुआ?
जादुई गुड़िया के मुँह लगा लहू
2-4 दिन सब ठीक रहा फिर एक दिन देवयानी जब खाना बना रही थी तब उसका हाथ चाकू से सब्ज़ी काटते हुए कट गया, देवयानी ने अलमारी में से दवाई, पट्टी और रुई लेने के लिए जैसे ही अलमारी खोली उसका खून में सना हाथ वहाँ एकदम सामने रखी गुड़िया के चेहरे पर उस गुड़िया को हटाते हुए लग गया, देवयानी ने दवाई लगाकर पट्टी कर ली और वो गुड़िया चेहरे पर खून लगे नीचे ही पड़ी रही।
काला जादू के करतबों की झड़ी लग गई
फिर उसने देवयानी को वहाँ से ले जाकर बेड पर बैठाया और सारी बात पूछी जिससे लगा जैसे देवयानी कई दिनों से बिना वजह ही डर रही है और उसने देवयानी को आराम करने को कहा.. अगली सुबह देवयानी जब उठकर पानी पीने लगी तो मुँह में बालों का गुच्छा आ गया उसने वो पानी तभी नीचे थूक दिया मगर बालों का गुच्छा नहीं निकला फिर उसने उल्टियां की तब जाकर सर के बालों का गुच्छा और कई सारे प्लास्टिक के टुकड़े भी निकले ये देखकर देवयानी हैरान थी उसने अपने पति को बुलाया और ये सब चीज़ों को दिखाया तब जाकर पति को यकीन आया कि ये कुछ तो तंत्र या किसी शैतानी शक्ति का असर है, उसी समय देवयानी के पति ने इन सभी चीज़ों की फोटो ली और अपने मौसाजी जो एक मंदिर में पुजारी भी थे उनको घर बुला लिया, मौसाजी ने पहले तो वो फोटो देखी और देवयानी और उसके पति से बात करके कहा कि इस घर में एक शैतानी और डरावनी शक्ति ऐसी घुस आई है जो अब धीरे-धीरे अपनी ताकत बढ़ा कर इस परिवार का खात्मा करना चाहती है इसलिए हमें कल एक ग्रह शान्ति की पूजा करनी होगी और उस शैतानी शक्ति की ताकत को खत्म या कम करना होगा।
मौसाजी के जाने के बाद देवयानी बहुत परेशान हो जाती है क्यूंकि उसकी गुड़िया उसको कहीं नहीं दिख रही थी, वो सब जगह ढूंढती है मगर वो गुड़िया जैसे मानो कहीं छुप जाती है और देवयानी के सामने नहीं आती, अगले दिन ग्रह शान्ति की पूजा के बाद मौसाजी कहते है अब सब ठीक रहेगा और कुछ गड़बड़ हो तो मुझे बुला लेना।
गुड़िया ने खेला मौत का आखिरी खेल
2-3 दिन घर में काफी शान्ति रहती है और फिर एक दिन वो शान्ति देवयानी के चीखने से टूट जाती है होता यह है कि देवयानी स्टोर रूम में कुछ सामान लेने जाती है जहाँ वो गुड़िया उसको संदूक के नीच दबी मिलती है वो सोचती है यह कामवाली बाई ने यहाँ फेंक दी होगी और फिर इसपर सामान रखा गया होगा तो अब मैं इसको निकाल कर ले चलती हूँ मगर जैसे ही देवयानी गुड़िया को निकालने के लिए संदूक हटाकर गुड़िया उठाने को होती है तभी वो गुड़िया खुद उठकर चलने लगती है और पूरे स्टोर रूम में देवयानी की चींख गूँज जाती है मगर घर पर उस समय कोई नहीं होने से वहाँ कोई नहीं आता और अब वो गुड़िया देवयानी के बालों को खिंचकर उसका गला दबाने लगती है गुड़िया के नोकीले नाख़ून देवयानी के गले के मांस में गड जाते हैं जिससे देवयानी का गला ‘खूनम-खून’ हो जाता है
देवयानी को कुछ नहीं सूझता फिर उसके मन में ‘माँ काली’ का “मन्त्र” आता है और वो उस मन्त्र को जपने लगती है जिससे उस गुड़िया पर काफी असर होता है और वो गुड़िया एकदम से निर्जीव होकर ज़मीन पर गिर जाती है और देवयानी अपनी जान बचाकर वहाँ से निकल जाती है उसके बाद वो अपनी सास को पड़ोस से बुलाकर लाती है और पति को भी तभी घर आने को कहती है, पति आते ही देवयानी को डॉक्टर के ले जाता है और फिरमौसाजी को फ़ोन पर सब बता देता है और मौसाजी कहते हैं कि इसके लिए मुझे कुछ दिनों का समय चाहिए मैं तभी किसी सिद्ध पुरुष को बुलाकर इसका पक्का इलाज करा पाउँगा इतने तुम सब यहाँ मेरे घर रहने आ जाओ मगर देवयानी वहाँ न जाकर अपने माइके चली जाती है और अपने माता-पिता को सब बता देती है जिससे उनका सीधा शक दोनों ताऊ के परिवार पर जाता है और देवयानी के परिवार की दोनों ताऊ के परिवारों से लड़ाई हो जाती है मगर वो लोग इस बात को मानने को बिलकुल भी तैयार नहीं होते कि उन्होंने कुछ भी ऐसा किया तो क्या सोचा भी हो।
जैसा वार वैसा बचाव
मौसाजी किसी तांत्रिक बाबा को लेकर देवयानी के ससुराल वाले घर जाते हैं और खाली पड़े पूरे घर की छान-बीन करते हैं फिर आखिर में उस स्टोररूम में जाकर देखते हैं तो वहाँ के नकारात्मक वातावरण से मौसाजी को भी चक्कर आ जाते हैं फिर वो गुड़िया उनको दिखती है, उस गुड़िया के सर से बाल गायब थे और उसकी खोपड़ी का काफी हिस्सा तक कटा हुआ था उसके मुँह पर देवयानी के हाथों का खून था जो देवयानी ने ही गलती से अलमारी से दवाई निकालते हुए लगा दिया था, मौसाजी ने भी ऐसा मंज़र पहले कभी नहीं देखा था तो वो तांत्रिक बाबा से कहने लगे “कि बाबा यहाँ से जल्दी चलिए मुझसे ये सब देखा नहीं जा रहा” तब तांत्रिक बाबा घर में घुसने के बाद पहली बार बोले “कि यहाँ जो सब शैतानी करतब और काला जादू चल रहा है ये गुड़िया इसकी जड़ है, इसी को माध्यम बनाकर देवयानी को परेशान किया जा रहा है, अब मैं इस गुड़िया को ले चलता हूँ और अब इसी से पूछूंगा कि यह सब किसने कराया है? तांत्रिक बाबा मौसाजी से देवयानी उसके पति और सास को कल रात उनकी कुटिया पर लाने को कहते हैं, मौसाजी सबको लेकर तांत्रिक बाबा की कुटिया पर आ जाते हैं जहाँ बाबा ने एक धूना जलाया होता है और उस गुड़िया को कई धागों से बाँधकार दो फुट का गड्डा खोदकर उसमें उस गुड़िया को लेटाया होता है।
मौसाजी सहित सभी घरवाले डरते हुए कुटिया में धूने के चारों ओर बैठ जाते हैं और फिर तांत्रिक बाबा कुछ मन्त्र पढ़कर धूने की अग्नि में कुछ सामग्री ड़ालते हैं और सबको बताते हैं कि अब मैंने इस काला जादू की गुड़िया को निष्क्रिय करके इसका इलाज कर दिया है इसको अब मैं आपके सामने दफना रहा हूँ और जिसने ये किया है अब इसका कई गुना उसको भुगतना होगा, देवयानी की सास उस व्यक्ति का नाम पूछती है जिसपर तांत्रिक बाबा कहते हैं मैं ऐसे किसी का नाम नहीं बता सकता ये मेरे नियमों के विरुद्ध है हाँ आपको उसका नाम कुछ ही दिनों में खुद पता चल जायेगा, अब आप लोग निश्चिन्त होकर रहिये, उस व्यक्ति की तरफ से ऐसा दोबारा नहीं होगा इसकी जिम्मेदारी मेरी है, सारा परिवार खुश होकर घर आ जाता है|
जैसा बोओगे वैसा काटोगे
फिर वो देवयानी को बताता है कि “बरखा पहले हमारे पुराने घर के पड़ोस में रहती थी ये उसकी मम्मी हैं और बरखा ने मेरे घर रिश्ता भी भेजा था जो हमने मना कर दिया था और कुछ ही दिनों में मेरी सरकारी नौकरी लग गई और हम यहाँ शिफ्ट हो गए”
देवयानी उन आंटी को अंदर लाकर सारी बातें पूछती है जिससे कि यह पता चलता है कि वो बरखा ही थी जिसने देवयानी की शादी में वो गुमनाम गुड़िया भेजी थी जिससे वो देवयानी को मारकर उसके पति से शादी कर सके, आंटी ने आगे बताया कि “बरखा इस घर में शादी करने के लिए किसी भी हद्द तक जाने को तैयार थी और साथ में देवयानी इतनी अच्छी और काबिल थी जिससे बरखा अंदर तक खूब जलती थी इसलिए बरखा ने काला जादू वाली ये गुड़िया बनवाई जिसके बारे में हमें बहुत बाद में पता चला,10-12 दिनों से बरखा को दौरे पड़ने लगे, वो बहकी-बहकी सी बातें करनी लगी, न कुछ खाती न पीती थी फिर एक दिन उसका शरीर पूरी तरह अकड़ा हुआ मिला तब हम काफी डर गए और उसको हॉस्पिटल लेकर गए जहाँ उसकी सहेली से ये सारी बातें पता चली, अब बरखा हॉस्पिटल में है और ज़िन्दगी और मौत के बीच जूझ रही है, मैंने उन काला जादू करने वालों से भी उसको ठीक करने को कहा मगर सबने बोला की ये किसी “घोर साधक” द्वारा किया हुआ ‘पलटवार’ है और इसको उसके बिना कोई नहीं काट सकता इसलिए मैं यहाँ आई हूँ, बेटी मेरी बच्ची को बचा ले मैं तेरे पैर धोकर पिऊँगी ज़िन्दगी भर तुम लोगों की गुलामी करुँगी, आप लोग मेरी बच्ची को बचा लो”
देवयानी का दिल पिंघल गया और फिर सब लोग तांत्रिक बाबा के पास पहुँचे और देवयानी ने बाबा से हाथ जोड़कर बरखा को क्षमा करने को कहा जिसपर तांत्रिक बाबा भड़क गए और बोले तुम चुका सकती हो उसको माफ़ करने की कीमत नहीं चुका सकती इसलिए चुप रहो और यहाँ से जाओ उसके बाद बरखा की माँ ने बाबा के पैर पकड़ लिए और कहा कि “बाबा मैं हर कीमत चुकाने को तैयार हूँ आप बस आदेश करो आपको क्या चाहिए? पैसा? सोना-चांदी? हमारी सारी सम्पत्ति?”फिर बाबा ने जो कहा वो सुनकर सब वहाँ से उठकर चल दिए, बाबा ने कहा मुझे तेरे घर से एक ‘नरबली’ चाहिए, बोल दे सकती है?कुछ दिनों बाद बरखा के निधन की खबर देवयानी के ससुराल और माइके दोनों में पहुँच गई।।।