बुरके वाली चुड़ैल

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कोहरे में कोई है

यह बात 1994 की है, पूर्वी दिल्ली के शाहदरा में ज्यादा बसापत नहीं थी मलतब काफी कम घर बने हुए थे और रहने वाले लोगों की संख्या भी काफी कम थी।दिसंबर के महीने का अंत होने वाला था इसलिए सर्दी अपने पूरे शबाब पर थी, गलियों, घरों की छतों और हर जगह सफ़ेद पसरा हुआ था जिससे ज्यादा दूरी तक देखना बहुत मुश्किल था।यह कहानी सावन की है उसकी आयु उस समय 16 साल थी, शाम 6-7 बजे ‘सावन’ को उसके घरवालों ने अंडे लेने पास की दुकान पर भेज दिया लेकिन वो दुकान उस समय बंद थी जिसकी वजह से सावन को दूसरे मोहल्ले में अंडे लेने जाना पड़ा और वो दूसरे मोहल्ले जाने वाली सड़क पर चल पड़ा

उस सड़क पर कुछ ही दूर जाकर सावन को कुत्तों के भौंकने की आवाजें आने लगी लेकिन दूर से उसको कुछ नहीं दिख रहा था इसलिए उसने पास जाकर देखा तो सभी कुत्ते वहाँ से डरकर अपनी दुम दबाकर भाग खडे हुए बस एक तगड़ा और ढीट कुत्ता अभी भी किसी को देख कर भौंकें जा रहा था।

 

बुरके में आफत सामने आई


सावन थोड़ा सहमा हुआ था इसलिए उसने रुककर उसको देखने का फैसला किया जिसको वो कुत्ता देख कर भौंक था कुछ ही देर में उस सफ़ेद कोहरे को चीरकर साढ़े छः फुट की बुरका पहने एक हट्टी-कट्टी महिला उस कुत्ते के पास ही आकर खड़ी हो गई।कुत्ता बेतहाशा भौंकें जा रहा था उसकी लार ज़मीन पर बार-बार गिर रही थी, अगले ही पल उस महिला ने उस कुत्ते को अपनी बगल में दबा लिया फिर उस महिला ने अपनी बड़ी सी चप्पल उतारकर एक हाथ से कुत्ते का मुँह पकड़ा और दूसरे हाथ से कुत्ते के चेहरे को बुरी तरह चप्पल से पीट दिया

कुत्ते को चप्पल से बुरी तरह पीटने के बाद उस महिला ने उस कुत्ते को ज़मीन पर पटक कर मारा जिससे कुत्ता दर्द से बुरी तरह बिलखने लगा और एक गली में अपनी जान बचाने के लिए भाग गया।
अब वो महिला सावन की तरफ बढ़ रही थी कि अचानक सावन की नज़र उसके चेहरे पर पड़ी तो उसने देखा कि उसका तो चेहरा ही नहीं है चेहरे की जगह एकदम सपाट जगह है जैसे मानो कोई मांस की छोटी सी दीवार हो, इतना देखते ही सावन समझ गया था कि ‘वो कोई इंसान नहीं है वो तो कोई खूंखार चुड़ैल है और अब यह मेरा भी वही कुत्ते वाला हाल कर सकती है जिसकी वजह से मैं वहाँ से बिना देर किए भाग लिया और अगली सांस सावन ने अपने घर में आकर ही ली।

इतना भयानक अनुभव

 

घरवालों ने अंडे लाने के बारे में पूछा तो सावन ने बोल दिया कि ‘आज अंडे किसी दुकान पर नहीं मिले’ सावन को डर तो लग रहा था फिर भी उसने बिना किसी को कुछ भी बताये खाना खाया और जल्दी सोने के लिए खाट पर लेट गया फिर कुछ देर बाद उसको नींद आ गई।रात को सावन को उसी चुड़ैल के डरावाने सपने आने लगे जिससे उसकी आँख आधी रात को ही खुल गई और वो डरकर उठ गया फिर उसको एहसास हुआ कि वो ये सब सपना देख रहा था और उसने अब चैन की सांस ली।

मन में डर ने बनाया घर

 

सावन ने सोचा अभी तो रात के 2:15 ही बजे हैं इसलिए अब पानी पीकर और टॉयलेट से होकर फिरसे सो जाता हूँ।टॉयलेट घर के आँगन में कमरों से थोड़ा दूर खुले में बना थाइसलिए सावन को कुछ कदम चलकर टॉयलेट जाना पड़ा जब वो टॉयलेट में था तो उसको लगा कि कोई टॉयलेट के बाहर घूम रहा है उसने सोचा कि ‘शायद कोई घरवाला जाग गया है और उसको टॉयलेट इस्तेमाल करना है’।

 

करीब से मौत देखी

 

अगले ही पल कोई टॉयलेट का दरवाजा ज़ोर से बजाने लगा जो सावन को बहुत अजीब लगा उसने सोचा कि ‘ऐसा तो घर में कोई नहीं करता, सवान अब डरने लगा और डरते हुए उसने आवाज़ लगाई कि ‘कौन है? कौन है बाहर?मगर सावन को कोई जवाब नहीं मिला जिससे उसका डर और भी बढ़ गया और उसने डरते हुए दरवाजा खोल दिया।फिर जो बाहर का नज़ारा सावन ने देखा उससे उसके होश उड़ गए, गला सुख गया और उसकी जान हलक में आ गई। बाहर वो लम्बी-चौड़ी बुरके वाली चुड़ैल खड़ी थी, सावन ने सोच लिया था कि ‘आज तो मौत पक्की है, न तो कहीं भागने का रास्ता है और न कोई आस-पास है जिससे मदद ले सकूं’।

 

मुसीबत में अपने ही काम आते हैं


वो चुड़ैल अब आहिस्ता-आहिस्ता सवान की तरफ बढ़ने लगी तभी सावन को एक तरकीब सूझी उसने अपने पालतू कुत्ते ‘लालू’ को जो सावन की खाट के नीचे ही सोता था उसको आवाज़ लगा दी ‘लालू-लालू सावन ने बस दो ही बार आवाज़ दी थी कि लालू उस चुड़ैल के पीछे आकर ज़ोर-ज़ोर से भौंकने लगा।

अब उस चुड़ैल का ध्यान सावन से हटकर लालू की तरफ आ गया और जैसे ही वो थोड़ा सा घूमी इतने में सवान वहाँ से भागकर अंदर कमरे में आ गया
चुड़ैल ने लालू को अपनी गोदी में भर लिया और उसका मुँह दबाकर उसको चप्पल से पीटने लगी इतने में सावन अपने कमरे के मंदिर से पवित्र ‘गंगाजल’ ले आया और उस चुड़ैल पर उस गंगाजल का छिड़काव कर दियावो गंगाजल उस चुड़ैल पर मानो किसी तेज़ाब की तरह असर करने लगा और उसने पहले तो लालू को नीचे फेंका फिर ज़ोर से चिल्लाने लगी जैसे उसका शरीर जल रहा हो और कुछ ही देर में वो वहाँ से भागकर सामने वाले खाली मकान में घुस गई।

 

पवित्र हुआ घर

सुबह सावन ने अपने माता-पिता को सारी बात बता दी जिससे उसके घरवाले तुरंत हरकत में आ गए और गृहशांति पाठ कराकर अपने घर को शुद्ध किया साथ में घर में ऐसी चीज़ों से सुरक्षा का भी उपाय किया।।।

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